Ekta Singh

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प्रेम जाल

आपने पढ़ा कि प्रगति के पीजी रूम में दीपक भी रात को रुक जाता है अब आगे •••••••

दीपक को रात में नींद नहीं आयी। अचानक आधी रात के समय प्रगति पानी पीने उठी।लेकिन उसने देखा कि•••••••••••• दीपक सोफ़े पर नहीं है???फिर प्रगति धीरे-धीरे बिना आहट के आगे बढ़ी।

दीपक नम्रता का दुपट्टा ओढ़े, नम्रता की तरफ ही नीचे बैठा हुआ था। प्रगति को ठीक नहीं लगा।उसने दीपक के सर पर हाथ मारा। क्या दीपक तुम्हें कुछ चाहिए? क्या हुआ नींद नहीं आ रही?

दीपक एक दम डर गया••••••••••••• और बहाना करने लगा कि कुछ नहीं ऐसे ही उसको नई जगह नींद जल्दी नहीं आती फिर जाकर सोफ़े पर लेट। गया।

प्रगति भी पानी पीने के बाद सो गई।

सुबह 6 बजे प्रगति तीनों की चाय बना कर ले आयी। चलो उठो आज सभी बिना ब्रश किये मॉर्निंग टी का मज़ा लेगे ।चलो लोबी में चलते हैं। तीनों बैठे कर चाय की चुस्कियां लेते है।

दीपक-यार मुझे जाना होगा ।गाड़ी भी ठीक करवानी है।देखता हूँ कहां पर ठीक होगी?

प्रगति-अरे अभी तुम रूक जाओ नाश्ता करके जाना। अभी थोड़ी देर में आलू के पराठे बनाती हूं वह खाकर जाना।

दीपक-प्रगति मुझे जाने दो। अभी कार ठीक करवा कर लूं। फिर कुछ काम भी है। जाना तो होगा•••••••सुनो नम्रता अगर मेरी गाड़ी टाइम से ठीक हो गई और अगर तुम्हें चलना हो तो मुझे बता देना।तो मेरे साथ ही निकल चलना। बता देना मुझे जैसा भी हो। मैं फोन करूंगा ठीक है चलो मैं चलता हूँ। ओके 👋 यह कहकर वह रूम से बाहर चला जाता है प्रगति अपनी बातों में मस्त हो जाती हैं।

दीपक के जाने से दोनों बहुत फ्री महसूस कर रहीं थी।अब खुलकर अपनी सारी बातें वह कर सकती थी।

प्रगति-नम्रता तुझको को पता है? कल दीपक तेरे सिरहाने बैठा हुआ था और तेरा दुपट्टा ओढ़ा हुआ था।मुझे नहीं लगता वह रात को सोया है पूरी रात जगता ही रहा। नम्रता-क्या???रात को इतनी गहरी नींद थी मुझे तो कुछ पता ही नहीं चला? प्रगति--लगता है तेरा बड़ा ही दीवाना है। एक बात बता वैसे तो यह बहुत बातें बनाता हैं तेरे से बड़ा प्यार मोहब्बत भी है।लेकिन तेरे से शादी की बात से यह इतना घबराता है। अच्छा सच बता तुम देने के बीच कुछ •••••••तो नहीं हुआ है?

नम्रता-तू पागल हो गई है। प्रगति मैं इस टाइप की लड़की हूँ ।क्या तुम मुझे इतना भी नहीं समझ पाई?

प्रगति--अरे यार बुरा क्यों मान रही है मैं तो पूछ ही रही हूँ ना •••कभी- कभी इंसान प्यार में इमोशनल होकर यह सब कर लेता है इसमें बुराई क्या है?

नम्रता-नहीं यार मेरे संस्कार यह सब करने के लिए अलाउड नहीं करते? उसने मेरे सिर्फ गालों पर किस किया है और मुझे उसने गले से भी बहुत बार लगाया है।उसने कोशिश बहुत की है उसने कहा भी है पर मैं इस चीज के लिए कभी भी उसको परमिशन नहीं दी। प्रगति- यार तूने ठीक किया मैं भी इन चीजों के फेवर में नहीं हूँ ।शादी से पहले यह सब करना मेरी नजर में भी गलत है।

नम्रता-चल यार इतनी जल्दी क्या है अभी थोड़ा टाइम और लेते हैं उसके बाद शादी की बात करेंगे? फिर दोनों सहेलियां अपने- अपने काम करने लगती हैं। नम्रता-सुन यार लाजपत नगर भी चलेंगे थोड़ी सी मुझे शॉपिंग करनी है। प्रगति--चल आ जा पराठे तैयार है पहले नाश्ता कर ले उसके बाद फिर नहा लेना फिर मार्केट चलेंगे दोनों सहेलियां नाश्ता करने बैठ जाती हैं लेकिन ऐसा लग रहा था दोनों की बातों का सिलसिला बंद ही नहीं हो रहा था।

क्या दीपक की कार ठीक होगी?क्या दोनों साथ जायेगे? जानने के लिए पढ़ते रहें •••••••••

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 08:59 PM

Nice 👍🏼

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Babita patel

30-Sep-2023 06:45 AM

v nice

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Punam verma

30-Sep-2023 09:07 AM

Very nice

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